9 वीं 12 पास दो युवकों ने किया ऐसा कारनामा, पुलिस से लेकर सीएम ऑफिस का दंग रह गया अमला

भोपाल। साइबर क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है, जो 9 वीं और 12 वीं पास हैं, लेकिन सीएम के ओएसडी बनकर शिक्षकों और इंजीनियरों को ट्रांसफर होने का झांसा देकर ठग रहे थे। ऐसे ही दो शातिर आरोपी 22 साल के सौरभ बिलगैया और 23 वर्षीय हरबल कुशवाहा को साइबर क्राइम ब्रांच ने निवाड़ी जिले के जेरोन थाना अंतर्गत ग्राम कोयली से गिरफ्तार किया है।

दोनों युवक ऐेसे वसूलते थे लाखों रुपए

साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक दोनों आरोपी शातिर हैं, जो सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर के एक्स हैंडल, गूगल से सरकारी कर्मचारियों के फोन नंबर निकाल लेते थे, फिर प्रदेश के सरकारी शिक्षकों और इंजीनियरों के अलावा अन्य कर्मचारियों को बताते थे कि हम सीएम आफिस से उनके ओएसडी बोल रहे हैं आपका ट्रांसफर हो गया है, सूची में आपका नाम है। बाद में सरकारी कर्मचारियों से कहते थे कि ट्रांसफर रुकवाना हो तो इतने रुपए लगेंगे। इस तरह का झांसा देकर दोनों दो से पांच लाख रुपए तक ऐंठ लेते थे। आरोपी ट्रांसफर सूची भी सरकारी कर्मचारियों को भेज देते थे। अभी तक उनके खाते में करीब बीस लाख रुपए की ठगी करने की बात सामने आ चुकी है।

ऐसे हुआ ठगी का खुलासा

साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक भोपाल के एक सरकारी कर्मचारी को पहले ट्रांसफर होने की जानकारी दी, फिर ट्रांसफर रुकवाने का झांसा देकर कर्मचारी से ढाई लाख रुपए ऐंठ लिए थे। ठगी का शिकार हुए कर्मचारी की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। इसकी जांच की और पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।

गूगल पे, फोन पे से नहीं लेते थे रुपए

जो कर्मचारी आरोपियों के झांसे में आ जाते थे, उनसे अपने गांव के पास के मनी ट्रांसफर वाले के खाते में रुपए डलवाकर मोबाइल बंद कर लेते थे और मनी ट्रांसफर वाले से कहते थे कि रिश्तेदार ने रुपए भेजे हैं। बाद में मोबाइल से सिम निकालकर फेंक देते थे। गगूल पे और फोन पे से रुपये लेने से साफ इनकार कर देते थे। आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन ओर दो सिम बरामद हुए हैं। सौरभ बिलगैया सीएम का ओएसडी बनकर बात करता था और हरबल मनीट्रांसफर में रुपये जमा करवाता था।

ऐसे आया ठगी का आइडिया

दोनों आरोपी 9 वीं और 12 वीं कक्षा तक पढ़े हैं। वे पहले गांव में मजदूरी करते थे। उन्होंने तबादले के लिए शिक्षकों को परेशान होते हुए देखा तो उन्होंने ठगी का यह तरीका शुरू कर दिया था, उन्होंने इंजीनियर, लिपिक और शिक्षकों को अपना शिकार बनाया है। इसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है। दोनों आरोपियों से पूछताछ अभी जारी है।

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