भोपाल। कहने को तो वे भिखारी हैं, भोपाल-इंदौर के चौक- चौराहों पर दिखने में कुछ दिव्यांग हैं। लेकिन इन भिखारियों की आमदनी के बारे में आप सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। पूरा परिवार भीख मांगता है। वे अपने गांव लाखों रुपये भेजते हैं, बच्चों के नाम एफडी करा रखी है। मकान, कार से लेकर स्मार्ट फोन सब कुछ उनके पास है। उनके मासूम बच्चे ही एक दिन में कुछ घंटों में 600 रुपये से अधिक कमा लेते हैं। पकड़ाने पर कहते हैं- हमने चोरी नहीं की, भीख ही तो मांगते हैं। ऐसा ही खुलासा गुरुवार को इंदौर में भीख मांगते पकड़ी गई एक महिला ने किया।
इन दिनों इंदौर प्रशासन द्वारा चौक- चौराहों पर भीख मांगने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। वहां के लवकुश चौराहे पर भीख मांग रही महिला की 8 साल की बच्ची, उसकी बहन-जीजा को पकड़ा गया है। बच्ची को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है। रेस्क्यू के दौरान महिला के पास 19 हजार 200 रुपये मिले हैं, ये रुपये सात दिन में कमाए हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों के नाम 50 हजार रुपये की एफडी
महिला ने बताया उसकी 8 साल की बच्ची ने सुबह से दोपहर डेढ़ बजे तक 600 रुपये कमाए। उसने पौने महीने में ढाई लाख रुपये कमाए, इसमें से रुपये गांव भेजे, 50 हजार रुपये खाते में डाले। 50 हजार रुपये खर्च कर दिए और बच्चों के नाम 50 हजार रुपये की एफडी करवाई। महिला ने बताया शादी, त्योहार के सीजन में 15 दिन में 50 हजार रुपये तक और आम दिनों में 15 दिन में 30 से 35 हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है। पिछले साल भी यह महिला जब पकड़ाई तो उस वक्त वह नकली बैसाखी लगाकर चल रही थी। टीम को देखते ही उसने बैसाखी फेंककर दौड़ लगा दी थी। इस महिला के संबंध में प्रवेश संस्था की प्रमुख रुपाली जैन बतातीं हैं महिला की लगातार काउंसिलिंग की जा रही है, वो भीख मांगना छोड़ने को तैयार नहीं है। महिला का कहना है कि मैं चोरी नहीं कर रही हूं, भीख मांग रही हूं। मैं भीख ही मांगूंगी। उससे कहा कि भीख मत मांगो, आत्मसम्मान से जियो। प्रशिक्षण देंगे, लेकिन महिला का कहना है कि मेरी इतनी कमाई है, आप क्या इतनी कमाई करवा दोगे।