रायसेन में बाघों को डराने फॉरेस्ट अपनाएगा यह तरीका, पढ़ें आखिर किसलिए ?

शिवलाल यादव, रायसेन

इन दिनों रायसेन शहर के आसपास घूम रहे बाघों के कारण दहशत का माहौल है, इन बाघों को डराने के लिए फॉरेस्ट रायसेन शहर की सीमा में अल्फा यानी ताकतवर बाघ की यूरिन का छिडक़ाव करेगा, यह यूरिन भोपाल के वन विहार से मंगाई गई है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि शहर में बाघ नहीं घुसें।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ताकतवर बाघ से छोटे बाघ डरते हैं। छोटे बाघ जब दूसरे बाघ की यूरिन को सूंघते हैं तो समझ जाते हैं, यहां पर दूसरे बाघ का ठिकाना है, जो उससे ज्यादा ताकतवर है। यह तरीका शहर की सीमा में घुस रहे बाघों को डराने के लिए अपनाया जा रहा है। इसके लिए दूसरी जगह से अल्फा यानी ताकतवर बाघ की यूरिन मंगाई गई है। इससे दूसरे बाघ रायसेन शहर की सीमा में नहीं घुसेंगे।

बता दें, इंदौर के महू से एक बाघ भटकते हुए करीब 270 किमी का सफर तय करते हुए रायसेन पहुंचा है, जब वन विभाग ने रायसेन में घूम रहे बाघ और महू के बाघ की तस्वीरों का मिलान किया तो पता चला कि यह रायसेन में घूम रहा बाघ महू के जंगल का है। यह बाघ गुरुवार को शाम रायसेन बाईपास की शहरी सीमा में लगे क्षेत्र में घूमता दिखाई दिया था, जो श्री कृष्ण गौशाला के पास तक पहुंच गया था, इस बाघ को रोड पार करते समय कार में सवार रायसेन रक्षित निरीक्षक (आरआई) कविता डामोर ने देखा था और उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी थी।

अब सदालतपुर में दिखाई दिया…

वन अमला जब रात में सर्चिंग कर रहा था। तभी सूचना मिली कि सदालतपुर बायपास मार्ग पर फिर बाघ घूमता दिखाई दिया है, जब वन अमले ने जांच पड़ताल की तो उस क्षेत्र में बाघ के पगमार्क मिले।शुक्रवार की सुबह भी पुराने होमगार्ड ऑफिस के पास बाघ के दिखने की वन अमले को मिली थी, लेकिन पड़ताल में वहां बाघ के कोई पगमार्क या अन्य सबूत नहीं मिले। यह सूचना अफवाह साबित हुई।

रायसेन के जंगलों में 15 बाघ, 70 तेंदुए, 4 शावक

वन विभाग के एसडीओ सुधीर पटले के मुताबिक रायसेन वन मंडल में 15 बाघ और 70 तेंदुए और उनके चार शावक हैं। इन पर नजर रखने के लिए रिस्पांस टीम भी गठित की गई है, जो बाघ के मूवमेंट की जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचेगी। युवाओं को बाघ मित्र भी बनाए जा रहे हंै। बाघ संरक्षण को लेकर इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि बाघों की गतिविधियों पर सटीक तरीके से नजर रखी जा सके। वन विहार भोपाल से ताकतवर टाइगर की यूरिन मंगवाई जा रहर है। उसे उन स्थानों पर छिडक़ा जाएगा, जहां से यह बाघ शहरी सीमा क्षेत्र में घुसता है। ताकतवर बाघ की यूरिन की गंध के कारण अन्य बाघों का शहर में आना बंद हो जाएगा।

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