प्रदेश के 53 कॉलेजों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस का दर्जा

देव शंकर अवस्थी, जबलपुर । प्रदेश के प्रत्येक जिले के एक महाविद्यालय में अब सभी विषयों की उत्कृष्ट पढ़ाई हो सकेगी। राज्य शासन ने प्रदेश के 53 जिलों के महाविद्यालयों को प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है। इसके तहत पदों की स्वीकृति हो गई है। इन महाविद्यालयों में 2119 पदों को अगले सत्र में भरकर पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। राज्य सरकार ने इस आशय के आदेश चुनाव आचार संहिता लगने के एक दिन पूर्व जारी कर दिए हैं।
प्रदेश में उच्च शिक्षा को और अधिक उत्कृष्ट बनाने की दृष्टि से राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले के एक महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस बनाने का निर्णय लिया था। इन महाविद्यालयों की विशेषता यह रहेगी कि इसमें विज्ञान, कला एवं वाणिज्य के अलावा अन्य विषयों की स्नातकोत्तर स्तर तक पढ़ाई हो सकेगी। यहां शिक्षा के अलावा अन्य अकादमिक गतिविधियों का भी समावेश रहेगा। इसके लिए सभी जिलों के प्रायः लीड कॉलेजों को इसमें चयनित किया गया है। राज्य सरकार ने इन कॉलेजों के लिए 2119 पदों की स्वीकृति दे दी है, जिसमें 1750 सहायक प्राध्यापक रहेंगे, जबकि 369 पद प्रयोगशाला टेक्नीशियन, सहायक व कंप्यूटर ऑपरेटर के शामिल हैं।
प्रवेश के लिए मचेगी होड़
पिछले कुछ सालों के दौरान इंजीनियरिंग से मोह भंग होने के बाद छात्रों का रुझान विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय की तरफ तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि प्रदेश में अनेक इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इंजीनियरिंग की सीटें कम करते हुए इन संकायों की पढ़ाई शुरू कर दी है। अब प्रत्येक जिले में प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस खुलने के कारण इनमें प्रवेश के लिए छात्रों के बीच होड़ मचेगी।

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