पीएम मोदी बोले: लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा ‘भारत रत्न’ सम्मान

नई दिल्ली। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने लिखा कि, ”लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में लिखा कि ‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने लिखा कि मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर आडवाणी जी को बधाई दी है। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, आडवाणी जी का भारत के विकास में अविस्मरणीय योगदान है। जमीनी स्तर पर किया काम

जमीनी स्तर पर किया काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी जी ने जमीनी स्तर पर काम करते हुए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा कि वे हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।

मेरे लिए ये भावुक क्षणः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आडवाणी जी ने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए अद्वितीय प्रयास किए। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे उनके साथ लगातार बात करने और सीखने का अवसर मिलता रहा।

1990 में राम रथ यात्रा निकाली

वर्ष 1990 में राम मन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था।

जीवन परिचय

आठ नवंबर, 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था। उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं। विभाजन के बाद भारत आ गए आडवाणी ने 25 फ़रवरी 1965 को ‘कमला आडवाणी’ को अपनी अर्धांगिनी बनाया। आडवाणी के दो बच्चे हैं।

राजनीतिक जीवन

वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने संभाला।

तीन बार पार्टी के अध्यक्ष रहे

लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री रहे। आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद सम्भाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उप प्रधानमंत्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृह मंत्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उप प्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया।

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