कुबेरेश्वर धाम के पं. मिश्रा के ब्रेन में आई सूजन, बोले- होली पर किसी ने गुलाल की जगह नारियल फेंका; कथाएं कैंसिल

सीहोर के कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के ब्रेन में सूजन आ गई है। सोमवार को कथा करने के दौरान उन्होंने इसका खुलासा किया। पं. मिश्रा ने बताया, सिर में नारियल लगने के कारण उनके ब्रेन में सूजन आ गई है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है।

पं. मिश्रा सोमवार को नीमच के मनासा में शिवमहापुराण कथा करने पहुंचे थे। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कथा निरस्त कर दी। पं. मिश्रा ने लोगों से कहा- ’29 मार्च को आष्टा में महादेव होली खेलने के दौरान किसी ने गुलाल की जगह नारियल फेंका। ये नारियल उनके सिर पर आकर लगा। जिसके बाद से उनके ब्रेन में थोड़ी दिक्कत आ गई। अंदरूनी चोट आई है। डॉक्टरों का कहना है कि दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं देना है। जब तक डॉक्टर परमिशन नहीं देते हम कथा नहीं कर सकते।’

पं. मिश्रा की होने वाली कथाएं कैंसिल हुई

पंडित मिश्रा ने कहा- आप हमारे दीदी हो, आप हमारे जीजा हो, भाई के दर्द को आप लोग जानते हैं। आप सब यहां आए, आपको कष्ट हुआ। अपने वचन को निभाना था, इसलिए अस्पताल से छुट्‌टी करवा कर मैं आप लोगों के बीच आया हूं। अगले साल विठलेश सेवा समिति कथा करने के लिए मनासा आएगी। हमको थोड़ा बहुत भी अच्छा लगता है, तब ही आगे की कथाएं करेंगे, नहीं तो जो कथाएं आगे भी होने वाली थी वो कैंसिल हो जाएंगी।

रोने लगीं महिलाएं, मायूस होकर लौटीं

मनासा में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक कथा का आयोजन होना था। 31 मार्च रविवार को शहर में कलश यात्रा भी निकाली गई थी। कथा सुनने पहले ही दिन करीब 50 हजार लोग कथा पंडाल पहुंचे थे। लेकिन पं. मिश्रा के कथा निरस्त करने के बाद वे मायूस होकर लौटे। कुछ महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए और वे रोने लगीं।

आष्टा में पं. मिश्रा के साथ ये घटना हुई

पं. मिश्रा 29 मार्च को आष्टा में महादेव की होली कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वे खुली जीप में सवार होकर भक्तों के साथ यात्रा में आगे बढ़ रहे थे। जमकर रंग-गुलाल उड़ रहा था। इसी दौरान गुलाल के साथ अचानक से एक नारियल आ गया, जो पंडित जी के सिर पर लगा। कुछ देर बाद पंडित जी को चक्कर से आने लगे।

पंडित जी के फैमिली डॉक्टर से बात की। तब वे उज्जैन में थे। उनके कहने पर पंडित जी उज्जैन पहुंचे। यहां पर जांच में पता चला कि सिर के भीतरी हिस्से में सूजन है। इस कारण से चक्कर आ रहे हैं। सभी जांच के बाद पंडित जी तीन दिन डॉक्टर की निगरानी में रहे। नीमच के मनासा में सोमवार से कथा होनी थी, ऐसे में पंडित जी डॉक्टर से अनुमति लेकर उज्जैन से नीमच पहुंचे और भक्तों को कथा निरस्त करने का कारण बताया।

डॉक्टर की सलाह पर पंडित जी ने अपने आगामी कार्यकम निरस्त किए हैं। पंडित जी सीहोर में ही रहेंगे और डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चलेगा।

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